Civil Services Exam Pattern

सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) का प्रारूप भारतीय सरकार द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण परीक्षा है जो भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय वित्त सेवा आदि) में प्रवेश के लिए होती है। इस परीक्षा का प्रारूप वर्षांत बदल सकता है, लेकिन सामान्यतः इसमें तीन चरण होते हैं:

इस प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने के लिए अभ्यर्थियों को व्यापक ज्ञान, स्पष्ट विचारधारा, और परीक्षा के प्रत्येक चरण में समर्पितता की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा न केवल ज्ञान का परीक्षण करती है, बल्कि उम्मीदवारों के विचारशीलता, सामाजिक सचेतना, और व्यक्तित्व को भी महसूस करती है।

  1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination):
    • यह परीक्षा लिखित होती है और ऑब्जेक्टिव प्रकार के प्रश्न होते हैं।
    • इसमें दो पेपर होते हैं: सामान्य अध्ययन I (General Studies I) और सामान्य अध्ययन II (General Studies II)।
    • पास करने के लिए एक कटऑफ अंक निर्धारित होता है।
  2. मुख्य परीक्षा (Main Examination):
    • यह परीक्षा लिखित होती है और इसमें संवादात्मक प्रकार के प्रश्न होते हैं।
    • इसमें नौ पेपर होते हैं, जिनमें विभिन्न विषयों पर प्रश्न होते हैं।
    • इस परीक्षा के आधार पर केवल उन अभ्यर्थियों को बुलाया जाता है जिनके प्रारंभिक परीक्षा में कटऑफ अंक से ऊपर अंक होते हैं।
  3. व्यक्तित्व परीक्षण (Personality Test):
    • इसमें अभ्यर्थियों का व्यक्तित्व, सामाजिक और राजनीतिक ज्ञान, और विचारशीलता का मूल्यांकन किया जाता है।
    • यह परीक्षा व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से होती है।

इस प्रक्रिया के अंत में, अधिकारी चुने जाते हैं जो भारतीय सरकार की विभिन्न सेवाओं में कार्य करते हैं। प्रत्येक चरण में अलग-अलग प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्येक चरण की तैयारी विशेषज्ञता और निरंतर प्रयास की मांग करती है।

इस प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने के लिए अभ्यर्थियों को व्यापक ज्ञान, स्पष्ट विचारधारा, और परीक्षा के प्रत्येक चरण में समर्पितता की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा न केवल ज्ञान का परीक्षण करती है, बल्कि उम्मीदवारों के विचारशीलता, सामाजिक सचेतना, और व्यक्तित्व को भी महसूस करती है।

Civil Services Exam Pattern

प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination):

  • प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों को सामान्य अध्ययन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें भारतीय और विश्व इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दे, वर्तमान घटनाओं से संबंधित प्रश्न शामिल होते हैं।
  • यह परीक्षा ऑब्जेक्टिव (Objective) प्रकार की होती है और अभ्यर्थी को चयन के लिए निर्धारित कटऑफ अंक को प्राप्त करना होता है।

मुख्य परीक्षा (Main Examination):

  • मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों को विभिन्न विषयों पर व्यापक ज्ञान और विचारशीलता का प्रदर्शन करना होता है। इसमें सामान्य अध्ययन के लिए पेपर होते हैं जिनमें सामान्य अध्ययन I और II शामिल होते हैं, साथ ही विशेषज्ञता के विषयों के लिए पेपर होते हैं जैसे कि भारतीय भाषा और अनुवाद, साहित्य, विज्ञान, गणित आदि।
  • इस परीक्षा के पेपर संवादात्मक (Descriptive) प्रकार के होते हैं और विभिन्न विषयों में गहन अध्ययन, विशेषज्ञता, और विचारशीलता का प्रदर्शन करना पड़ता है।

व्यक्तित्व परीक्षण (Personality Test):

  • व्यक्तित्व परीक्षण में उम्मीदवारों के व्यक्तिगत स्तर, सामाजिक सचेतना, नैतिकता, और विचारशीलता को मूल्यांकन किया जाता है।
  • यह परीक्षा साक्षात्कार के माध्यम से होती है और उम्मीदवार के सामाजिक संवाद क्षमता, नेतृत्व गुण, और अन्य व्यक्तिगत योग्यताओं का मूल्यांकन किया जाता है।

सिविल सेवा परीक्षा भारतीय सरकार की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है, जिसमें सफल होने के लिए अच्छी तैयारी, स्थिरता, और निरंतर प्रयास की जरूरत होती है। यह परीक्षा उम्मीदवारों को विभिन्न सरकारी पदों में भारती के लिए तैयार करती है और राष्ट्रीय निर्माण में योगदान के अवसर प्रदान करती है।

उच्च सेवा में प्रवेश (Entry into Higher Services):

  • सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवार विभिन्न सरकारी सेवाओं में नियुक्ति प्राप्त करते हैं। इन सेवाओं में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय वित्त सेवा (IRS), और भारतीय वित्तीय सेवा (IFS) शामिल हैं।
  • इन सेवाओं में कार्य करने के लिए विशिष्ट दक्षता और प्रेषक की जरूरत होती है जो राष्ट्रीय नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण और अंमलन में सक्षम हों।

परीक्षा की तैयारी (Preparation for the Examination):

  • सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए व्यापक अध्ययन, समय व्यवस्था, और में कठोर प्रयास की जरूरत होती है।
  • अच्छी तैयारी के लिए प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा, और व्यक्तित्व परीक्षा के लिए विशेष रूप से तैयारी की जानी चाहिए।
  • संदर्भ पुस्तकों, प्रैक्टिस पेपर्स, और समर्थक स्टडी मैटेरियल्स का प्रयोग करना प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

सारांश (Summary):

सिविल सेवा परीक्षा भारतीय सरकार की उच्च सेवाओं में प्रवेश प्राप्त करने का मार्ग प्रशिक्षित और अग्रणी नागरिकों के लिए है। इस परीक्षा के लिए सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छी तैयारी, विचारशीलता, और सामाजिक सचेतना की आवश्यकता होती है जो राष्ट्रीय विकास और सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए तैयार करती है।

सिविल सेवा परीक्षा के लाभ (Benefits of Civil Services Examination):

  • सार्वजनिक सेवा में स्थान (Position in Public Service): सिविल सेवा परीक्षा से सफलता प्राप्त करने पर, उम्मीदवारों को भारतीय सरकार की विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति मिलती है। यह सेवाएं देश की नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण और प्रदर्शन में सक्षमता और नेतृत्व प्रदान करती हैं।
  • समाज सेवा (Public Service): सिविल सेवा अधिकारी का कार्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में सक्रिय रूप से योगदान करना होता है। ये सेवा राष्ट्रीय स्तर पर नीतियों को अंमलित करने और लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करती है।
  • व्यक्तिगत विकास (Personal Development): सिविल सेवा अधिकारी अपने करियर के दौरान व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के अवसरों से लाभान्वित होते हैं। इसके अलावा, वे समाज में मान्यता प्राप्त करते हैं और एक गर्वशील भूमिका निभाते हैं।
  • समृद्धि और उपलब्धियां (Prosperity and Achievements): सिविल सेवा में सफल होने पर, अधिकारियों को समृद्धि और सम्मान के अनेक अवसर प्राप्त होते हैं। उन्हें विभिन्न व्यक्तिगत और पेशेवर उपलब्धियां प्राप्त होती हैं जो उनके जीवन में महत्वपूर्ण होती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

सिविल सेवा परीक्षा भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है जो युवाओं को राष्ट्र सेवा में योगदान के लिए प्रोत्साहित करता है। इस परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के बाद, उम्मीदवार राष्ट्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होते हैं और समाज में महान कार्यों का हिस्सा बनते हैं।

सिविल सेवा का महत्व (Importance of Civil Services):

  • नैतिकता और ईमानदारी (Ethics and Integrity): सिविल सेवा अधिकारी की नैतिकता और ईमानदारी उसकी सेवा की गहरी नींव होती है। वे सार्वजनिक लाभ के लिए काम करते हैं और समाज के हित में निर्णय लेते हैं।
  • सामाजिक न्याय (Social Justice): सिविल सेवा अधिकारी सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे असमानता और असामान्यता को दूर करने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों का अनुसरण करते हैं।
  • राष्ट्रीय विकास (National Development): सिविल सेवा अधिकारी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सरकारी योजनाओं को प्रबंधित करते हैं और राष्ट्रीय विकास के लिए नीतियों का अंमलन करते हैं।
  • क्षमता और प्रतिभा का सम्मान (Recognition of Capability and Talent): सिविल सेवा के माध्यम से उम्मीदवारों की क्षमता और प्रतिभा का सम्मान होता है। वे अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं और राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान देते हैं।

समाप्ति (Conclusion):

सिविल सेवा परीक्षा भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है जो उम्मीदवारों को शिक्षित, समर्पित और सेवाभावी नागरिकों में बदलती है। इस परीक्षा के माध्यम से सफल होने वाले अधिकारियों का देश के विकास और समाज को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

Civil Services Exam Pattern

प्रश्न-1: सामान्य अध्ययन की तैयारी कब से शुरू करनी चाहिए? शुरुआत में कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए?

उत्तर: नए पाठ्यक्रम की प्रकृति ऐसी है कि स्नातक स्तर पर ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, हालांकि, अगर उस समय तैयारी नहीं की है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।

  • शुरुआती स्तर पर एनसीईआरटी की किताबें पढ़ना उचित है। 11वीं और 12वीं की इतिहास की किताबों से शुरुआत की जा सकती है। अगर इन किताबों में दिक्कत है, तो पहले 9वीं और 10वीं की किताबें पढ़ने में कोई बुराई नहीं है।
  • इसके बाद भूगोल के लिए 6वीं से 12वीं तक की किताबें पढ़ना बेहतर रहेगा। इनके साथ ही ‘एटलस’ का नियमित अभ्यास करना न भूलें। इसके बाद 9वीं से 12वीं तक की सामाजिक विज्ञान की किताबें (जैसे- ‘हमारा संविधान’, ‘भारत में लोकतंत्र’, ‘समकालीन विश्व राजनीति’ आदि) देखें।
  • इसके बाद 6वीं से 10वीं तक की विज्ञान की किताबें पढ़ें। इतना पढ़ने के बाद आप उन किताबों का अध्ययन शुरू कर सकते हैं जो सीधे सिविल सेवा के लिए लिखी गई हैं।

प्रश्न-2: क्या सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम खुद से तैयार किया जा सकता है? अगर हाँ, तो कैसे?

उत्तर: हाँ, यह मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। अगर आप विभिन्न खंडों में निहित अवधारणाओं को खुद समझ सकते हैं, उन्हें समकालीन तथ्यों से जोड़ सकते हैं, अंग्रेजी में उपलब्ध सामग्री को समझ सकते हैं

और उसे हिंदी में प्रस्तुत कर सकते हैं और इंटरनेट से उपयुक्त सामग्री खोज सकते हैं, तो आप डेढ़ से दो साल की अवधि में खुद से सामान्य अध्ययन की तैयारी कर सकते हैं।

प्रश्न-3: प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के लिए कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए?

उत्तर: अगर आप ‘दृष्टि’ के सामान्य अध्ययन (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा) कार्यक्रम का हिस्सा हैं या इसका हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो शायद आपको एक भी किताब की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। हम अपने छात्रों को इतनी अध्ययन सामग्री देने की कोशिश करते हैं कि उन्हें किताबों पर निर्भर न रहना पड़े।

  • कभी-कभी किसी खास विषय के लिए हम छात्रों से उम्मीद करते हैं कि वे आने से पहले किताब पढ़ें। यदि आप दृष्टि के विद्यार्थी नहीं हैं, तो निम्नलिखित पुस्तकों से अध्ययन करना उचित होगा। सबसे पहले, उन एनसीईआरटी पुस्तकों को पढ़ना बेहतर होगा, जिनकी चर्चा ऊपर की गई है। उसके बाद, प्रत्येक खंड के लिए एक संदर्भ पुस्तक देखना पर्याप्त होगा। कुछ खंडों के लिए, वर्तमान में कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं है,
  • उनके लिए समाचार पत्र लेख और इंटरनेट सामग्री को आधार बनाना होगा। एक या दो खंड ऐसे हैं जिनमें एक पुस्तक पर्याप्त नहीं है, कुछ विशेष विषयों के लिए, कुछ अन्य पुस्तकों को भी देखना होगा। वास्तव में, इस संबंध में, आपको दृष्टि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों (पर्यावरण के लिए, दृष्टि प्रकाशन की ‘पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी’, भारतीय संस्कृति के लिए, ‘कला एवं संस्कृति’, अर्थव्यवस्था के लिए, ‘आर्थिक परिप्रेक्ष्य’, निबंध के लिए, ‘निबंध-दृष्टि’ और ‘भारत’ आदि) और समकालीन खंड के लिए, ‘दृष्टि करंट अफेयर्स टुडे’ पत्रिका का व्यवस्थित रूप से अध्ययन करना चाहिए। इसके अलावा आप दृष्टि संस्थान द्वारा चलाए जा रहे डीएलपी कार्यक्रम का भी लाभ उठा सकते हैं।
  • इस कार्यक्रम के तहत संस्थान द्वारा चलाए जा रहे सभी विषय संबंधी अध्ययन सामग्री आपको घर बैठे ही उपलब्ध करा दी जाती है। छात्र अपनी रुचि के अनुसार इनका लाभ उठा सकते हैं। इन पुस्तकों के अलावा भूगोल के लिए ‘ऑक्सफोर्ड एंड ओरिएंट लॉन्गमैन एटलस’, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के लिए ‘वर्ल्ड फोकस’, ‘फ्रंटलाइन’ और ‘द हिंदू’, अर्थव्यवस्था के लिए ‘प्रतियोगिता दर्पण अतिरिक्त अंक’, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए ‘विश्वास पैनोरमा’ और ‘परीक्षा मंथन’, पर्यावरण और जैव विविधता अनुभाग के लिए ‘इग्नू नोट्स’ और सामाजिक न्याय और समसामयिक मामलों के लिए ‘योजना’ और ‘कुरुक्षेत्र’ पढ़ना चाहिए।

प्रश्न-4: सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए कौन से समाचार पत्र और पत्रिकाएं पढ़ना बेहतर रहेगा?

उत्तर: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए ‘हिंदुस्तान’ और ‘दैनिक जागरण-राष्ट्रीय संस्करण’ हिंदी के अच्छे समाचार पत्र हैं। आप चाहें तो ‘जनसत्ता’ भी पढ़ सकते हैं, लेकिन सरकार विरोधी विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें, संतुलित राय बनाने की कोशिश करें। अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी है तो ‘द हिंदू’ के लेख पढ़ना अच्छा रहेगा, लेकिन अगर आप उन्हें पढ़ने में असमर्थ हैं तो ज्यादा तनाव न लें। पत्रिकाओं में आपको ‘दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे’ पढ़ना चाहिए। यह विभिन्न राज्यों की सिविल सेवा और पीसीएस परीक्षाओं (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार) के सामान्य अध्ययन और निबंध पत्रों के करेंट अफेयर्स की संपूर्ण पत्रिका है।

प्रश्न-5: सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए इंटरनेट का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है?

उत्तर: इसके लिए आप ‘दृष्टि: द विजन’ की वेबसाइट www.drishtiias.com का उपयोग कर सकते हैं। इसके अंतर्गत प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के साथ-साथ विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए उपयोगी अध्ययन सामग्री अपडेट की जाती है। इस वेबसाइट पर अंग्रेजी समाचार पत्रों जैसे ‘द हिन्दू’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘एचटी मिंट’, ‘बिजनेस लाइन’, ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’, ‘डीएनए’, ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ आदि के साथ-साथ भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों जैसे पीआईबी आदि की वेबसाइटों का गहन अध्ययन कर समाचार एवं लेख विश्लेषण अपडेट किए जाते हैं। इसके साथ ही प्रश्न-उत्तर भी दिए जाते हैं।

Leave a Comment