जननी सुरक्षा योजना: भारत में मातृ स्वास्थ्य के लिए एक जीवन रेखा
भारत में, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है। देश ने पिछले कुछ दशकों में मातृ मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। जननी सुरक्षा योजना (JSY) भारत सरकार द्वारा 2005 में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और देश में मातृ और नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख योजना है। इस लेख में, हम जेएसवाई की प्रमुख विशेषताओं, लाभों और चुनौतियों के बारे में जानेंगे।
I. प्रस्तावन
- A. भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की पृष्ठभूमि
- B. जननी सुरक्षा योजना का अवलोकन
2। जननी सुरक्षा योजना की मुख्य विशेषताएं
- योजना के उद्देश्य
- पात्रता मानदंड
- योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता
- योजना के प्रमुख घटक
- संस्थागत प्रसव के लिए नकद प्रोत्साहन
- प्रसवपूर्व देखभाल के लिए सशर्त नकद हस्तांतरण
- स्वास्थ्य सुविधा के लिए और से मुफ्त परिवहन
- जटिल डिलीवरी के लिए मुफ्त सेवाएं
- स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं की क्षमता निर्माण
3। जननी सुरक्षा योजना के लाभ
- संस्थागत प्रसव में वृद्धि
- प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल तक बेहतर पहुंच
- मातृ और नवजात मृत्यु दर में कमी
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
- महिलाओं का सशक्तिकरण
4। जननी सुरक्षा योजना की चुनौतियाँ और सीमाएँ
- योजना का सीमित कवरेज और पहुंच
- अपर्याप्त धन और संसाधन आवंटन
- कमजोर निगरानी और मूल्यांकन तंत्र
- सीमांत समुदायों के बीच सीमित जागरूकता और योजना का उपयोग
- अन्य स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं के साथ अभिसरण की आवश्यकता
5|. जननी सुरक्षा योजना का प्रभाव और मूल्यांकन
- योजना के प्रभाव पर अध्ययन
- आलोचना और मूल्यांकन अध्ययन की सीमाएं
- योजना के दीर्घावधि प्रभाव पर उभरते साक्ष्य
- सीखे गए सबक और भविष्य के लिए सिफारिशें
6। निष्कर्ष
- प्रमुख बिंदुओं का सारांश
- भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य नीति और अभ्यास के लिए निहितार्थ
- जननी सुरक्षा योजना के लिए भविष्य की संभावनाएं
जननी सुरक्षा योजना भारत :-
- मातृ स्वास्थ्य के लिए एक जीवन रेखा रही है, विशेष रूप से वंचित और हाशिए पर रहने वाले समुदायों की महिलाओं के लिए। इस योजना ने संस्थागत प्रसव बढ़ाने और देश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालाँकि, अभी भी कई चुनौतियाँ और सीमाएँ हैं जिन्हें योजना को अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाने के लिए संबोधित करने की आवश्यकता है।
- भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता है कि प्रत्येक महिला और बच्चे की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच हो। जननी सुरक्षा योजना इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक उत्प्रेरक हो सकती है, बशर्ते इसे अधिक समग्र और न्यायसंगत तरीके से लागू किया जाए।
JSY की महत्वपूर्ण विशेषताएं
यह योजना गरीब गर्भवती महिलाओं पर केंद्रित है, जिन राज्यों में संस्थागत प्रसव दर कम है
- उत्तर प्रदेश
- उत्तराखंड
- बिहार
- झारखंड
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- असम
- राजस्थान
- उड़ीसा
- जम्मू और कश्मीर राज्य।
जहां इन राज्यों को लो परफॉर्मिंग स्टेट्स (LPS) का नाम दिया गया है, वहीं बाकी राज्यों को हाई परफॉर्मिंग स्टेट्स (HPS) का नाम दिया गया है।
योजना का लाभ लेने के लिए किस प्रकार से आवेदन करें (How to apply to take advantage of the scheme)
- इस योजना में आवेदन आशा की मदद से किया जाएगा. आशा कार्यकर्ता नामांकन करने और सभी जानकारी अपडेट करने के लिए जिम्मेदार होंगी|
- सभी गर्भवती महिलाओं तक इसकी जानकारी पहुंचाएंगी.|
- इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए किसी भी गर्भवती महिला को अपने ग्राम पंचायत के आशा कार्यकर्ता से मुलाकात करना होगा. |
- आशा कार्यकर्ता के गैर मौजुदगी में ग्राम प्रधान से भी संपर्क किया जा सकता है. |
जननी सुरक्षा योजना
- अगर इसके अलावा, किसी और अस्पताल में प्रसव होता है, तो इस योजना का फायदा नहीं उठाया जा सकता है. |
- यह योजना सरकारी स्वास्थ्य संस्थान और सरकार द्वारा प्रमाणित निजि अस्पताल को कवर करती है |.
- जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana) के तहत गरीब परिवारों को लाभ दिया जाता है. |
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (Pradhan Mantri Surakshit Matritv Abhiyan) के तहत 1 से 9 तारीख के बीच हर महीने प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों (Private and Government Hospital) में प्रसव जांच कराया जा सकता है. |
Q1.जननी सुरक्षा योजना कब शुरू हुई?
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत माता एवं शिशु की मृत्यु दर को घटाना प्रमुख लक्ष्य रहा है। यह योजना 12 अप्रैल, 2005 में गरीब गर्भवती महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई।
Q2.पहला बच्चा होने पर कितना पैसा मिलता है
- पहली डिलीवरी पर महिला को पोषण के लिए मिलेंगे 5 हजार रुपए अब गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रधानमंत्री केंद्रीय मातृत्व वंदना योजना का लाभ दिया जाएगा।
Q3.डिलीवरी के कितने दिन बाद पैसे मिलते हैं
- इस योजना में गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपये की सम्मान राशि नगद दी जाती है।
Q4.जननी सुरक्षा योजना का फॉर्म कैसे भरें
- सबसे पहले आपको स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।
- इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जायेगा।
- वेबसाइट के होम पेज पर आपको Application Form PDF Download करना है। इसके बाद आवेदन फॉर्म को प्रिंट कर लेना है।
Q.5बच्चा पैदा होने पर सरकार कितना पैसा देती है?
प्रथम शिशु को जन्म देने वाली महिला को आवेदन करने पर 5 हजार रुपए की सहायता राशि उनके बैंक खातों में डाली जाएगी।