भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार को लोकसभा चुनाव की तैयारी का शुभारंभ करने वैशाली संसदीय क्षेत्र के पारू पहुंचे। यहां आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रदेश सरकार, सीएम नीतीश कुमार और जदयू पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा यहां करीब तीन घंटे देरी से पहुंचे थे। यहां उनका जनसभा को संबोधित करने, लोगों को सम्मानित और इसके बाद कोर कमिटी की बैठक का कार्यक्रम था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने वैशाली लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत पारू (मुजफ्फरपुर) में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वैशाली की धरती को मेरा सादर नमन। यहां उपस्थित भीड़ ये स्पष्ट रूप से बता रही है कि बिहार बदलाव चाहता है और नई उमंग के साथ चाहता है। जो संकल्प आपने लिया है वही भारतीय जनता पार्टी का भी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने पुतिन और जेलेंस्की से बातचीत करके यूक्रेन का युद्ध रुकवाया और एक साथ 25000 हजार विद्यार्थी को सुरक्षित निकालकर लाए। यूक्रेन में भारत के ही विद्यार्थी ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के भी छात्र तिरंगा लेकर सुरक्षित वहां से निकल गए। तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी भारत को बढ़ाने का काम किया है तो प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है।
अमेरिका और यूरोप में भी कोरोना टीकाकरण पूरा नहीं हो पाया है जबकि भारत में 220 करोड़ से अधिक टीके लग चुके हैं। मोदी जी के कारण ही ये कवच भारत की जनता को मिला है। आज हजारों करोड़ रुपये के पुल बिहार में बन रहे हैं… ये बिहार की तस्वीर और तकदीर, दोनों को बदल डालेंगे। ये सब काम शुरू हुए मोदी जी के नेतृत्व में… लेकिन अब एक समस्या है, हम ऊपर से तो लक्ष्मी भेज देंगे लेकिन अगर नीचे जंगलराज हो तो काम नहीं हो पाता। विकास थम जाता है।
उन्होंने कहा कि आज पांच हजार किलोमीटर के हाइवे बन रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ऊपर से हम लक्ष्मी पूरी देते हैं, लेकिन नीचे जंगलराज हो तो उस लक्ष्मी का क्या करना। अगर हम ऊपर से आपकी मदद भी कर दें और नीचे अगर जंगलराज हो तो क्या होगा, भ्रष्टाचार होगा और भ्रष्टाचार के साथ-साथ विकास में गतिरोध होगा। मैं नीतीश जी से एक बार नहीं, चार-चार, पांच-पांच बार कहा कि दरभंगा में एम्स के लिए जमीन दीजिए, बड़े मुश्किल से जमीन मिली है। लेकिन मैं हिमाचल से आता हूं, मैंने भी बिलासपुर में एक एम्स बनाया। कोरोना के दौरान भी पांच साल के अंदर एम्स का शिलान्यास किया और एम्स बनकरके तैयार भी हो गया। लेकिन बिहार में चीजें खिसकती ही नहीं हैं।