TARGET TIMES APRIL-2021CURRENT AFFAIRS – नमस्कार दोस्तों हमारी वेबसाइट टारगेट एग्जाम(Target Exam) (targetexam.in) में आपका स्वागत है | इस पोस्ट में मैं आपको बहुत ही प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण पत्रिका टारगेट टाइम्स के बारे में बताऊंगा | इस पत्रिका के बारे में आपने जरूर पढ़ा और सुना होगा | यह बहुत ही महत्वपूर्ण पत्रिका है | किसी भी परीक्षा की दृष्टि से इस पत्रिका को आप every month मार्केट से प्राप्त कर सकते हैं | अप्रैल मंथ(April month 2021 ) की पत्रिका को मैं इस पोस्ट में सम्मिलित कर रहा हूं | तथा कोशिश करूंगा कि पूरी पत्रिका को बहुत अच्छे से आपके सामने प्रस्तुत करो | इस पत्रिका में “TARGET TIMES APRIL-2021 CURRENT AFFAIRS” अप्रैल मंथ (April month) के मुख्य बिंदु – चर्चित व्यक्ति(famous person) ,खुशहाल देश (happy country), नई शक्ति का प्रतीक वार्ड(symbol of new power), एक नजर इधर भी(one sight here also), रिकॉर्ड बैंक रिपोर्ट(record bank report), स्मरणीय करंट सार संग्रह, और जरूर जाने ,समसामयिक ,ऐतिहासिक पुस्तकें, रोचक सवाल, विज्ञान , जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, अर्थव्यवस्था , संविधान , TARGET TIMES APRIL-2021 CURRENT AFFAIRS , आधुनिक भारत का इतिहास, इंग्लिश लैंग्वेज , प्रतियोगिता उपयोगी सामान्य ज्ञान , राष्ट्रीय आंदोलन, गणित ,इन सभी बिंदुओं पर मुख्य रूप से प्रकाश डाला गया डाला गया है | TARGET TIMES APRIL-2021 CURRENT AFFAIRS |
चर्चित व्यक्ति:-TARGET TIMES APRIL-2021CURRENT AFFAIRS
उत्तराखंड के नए सीएम तीरथ सिंह :-
- उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने चुनाव के 1 वर्ष पूर्व भी अपने मुख्यमंत्री (त्रिवेंद्र सिंह रावत) को बदल कर नया मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (गढ़वाल से सांसद) को चुना(1 मार्च 2021) है |
- इन्हें उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में गवर्नर बेबी रानी मौर्य द्वारा शपथ दिलाई गई |
- पार्टी को आगामी चुनाव आगे आगामी चुनाव में जीत दिलाने के साथ ही राज्य में आर्थिक पर्यटन को बढ़ावा देना तथा कुंभ मेले को सफल सफल बनाना है इनके मुंह को चुनौती होगी |
अमर रहेंगे – दादी ह्रदय मोहिनी :-
- प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी मोहिनी का 93 वर्ष की आयु में 11 मार्च 2021 निधन मुंबई में हो गया |
- दुनिया भर के 140 देशों में पहले इनके केंद्रों में लाखों आंखें नम हो गई इन्हें सदैव मानवता की सेवा एवं आध्यात्मिक जागृति पैदा करने हेतु स्मरण किया जाएगा |
- माउंट आबू (राजस्थान) स्थित ब्रह्मकुमारी प्रजापति विश्वविद्यालय में इन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ इनके जीवन प्रसंगों को याद किया गया |
चर्चा में हैं – सामिया हसन (Samia Suluhu Hassan)
- अफ्रीकी देश तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में सामिया हसन को नियुक्त (11 मार्च 2021) को किया गया |
- इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति जॉन के निधन के बाद (21 दिनों राष्ट्रीय शोक जारी ) की गई है |
- देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हसन ने दाएं हाथ में कुरान लेकर संविधान रक्षा की शपथ लिया तंजानिया में अमन चैन कायम करना इनकी मुख्य चुनौती होगी |
Chief Statistician Dr G P Samanta :-
- केंद्र सरकार द्वारा जीपी सामंत को भारत का मुख्य Chief Statistician नियुक्त किया गया |
- मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी Dr G P Samanta की नियुक्ति सरकारी आंकड़ों को उठते सवालों के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही है |
- भारतीय रिजर्व बैंक प्रबंधन विभाग में भी अपनी विशेष सेवाएं दे चुके – Dr G P Samanta |
- जी अपने अनुभव विशेषज्ञों के लिए भी प्रसिद्ध है |
नए चीफ जस्टिस (New chief justice) – N. V. Ramana
- SA Bobde चीफ जस्टिस अपने उत्तराधिकारी के तौर पर (24 मार्च 2021) को सुप्रीम कोर्ट के जज दिल्ली हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रहे हैं |
- न्यायमूर्ति रमन ने 6 अप्रैल, 24 अप्रैल (भाषा) को देश के प्रमुख नई दिल्ली के रूप में शपथ ली, न्यायमूर्ति एन वेंकट रमन ने शनिवार को देश के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली |
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति रमन ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में शपथ ली |
बंगबंधु को मिला गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) : –
- भारत के प्रतिष्ठित गांधी शांति अवार्ड (2020) बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (बांग्लादेश की आजादी के नायक) को दिए जाने का निर्णय (22 मार्च 2021) को लिया गया |
- 1995 से प्रारंभ यह अवार्ड गांधीवादी मूल्यों हेतु समर्पित वित्तीय संगठन को दिया जाता है |
- केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा बंधु बंधु के साथ ही वर्ष (2019) के लिए यह अवार्ड को मान के दिवंगत सुल्तान काबूस बिन सईद अल सैद को दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है |
- गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है जिसे 1995 से सम्मानित किया गया है।
- The award was instituted on the 125th birth anniversary of Mahatma Gandhi. The award is open to all individuals irrespective of their nationality, race, language, caste, creed or gender.
प्रमुख बिंदु :- TARGET TIMES APRIL-2021CURRENT AFFAIRS
गांधी शांति पुरस्कार :-
- यह वार्षिक पुरस्कार 1995 में भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी की 125 वीं जयंती मनाने के लिए बनाया गया था, ताकि अहिंसा के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने वाले लोगों की पहचान की जा सके।
- पुरस्कार: इसमें एक करोड़ रुपये नकद, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला / हथकरघा उत्पाद शामिल है।
- यह पुरस्कार किसी व्यक्ति, संघ, संस्थान या संगठन को दिया जा सकता है |
- पुरस्कार को दो व्यक्तियों / संस्थानों के बीच भी विभाजित किया जा सकता है यदि चयनकर्ताओं का मानना है कि वे दोनों पुरस्कार के लिए समान रूप से योग्य हैं।
- यह राष्ट्रीयता, पंथ, नस्ल या लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के बिना सभी को प्रदान किया जा सकता है।
- चयन समिति: विजेताओं का चयन करने वाली समिति में प्रधान मंत्री, देश के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता, लोकसभा अध्यक्ष और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक शामिल होते हैं और उनकी अध्यक्षता में होता है। प्रधानमंत्री।
खुशहाल देश (Happy country) :- target times
“वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में 139 रैंक पर भारत “
- UNO की सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क SDSN (Sustainable Development Solutions Network) वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स (World happiness index) (22 MARCH 2021) रिपोर्ट में फिनलैंड KO FIRST स्थान प्राप्त हुआ है |
- CURRENT AFFAIRS
- जबकि भारत इस सूची में कमजोर प्रदर्शन के साथ 139 स्थान पर रहा है |
- संयुक्त राष्ट्र संघ (193 सदस्य देश) के 149 देशों की सूची को तैयार करने में प्रतिव्यक्ति आय , जीवनप्रत्याशा , सामाजिक स्वतंत्रता , उदारता , के साथ कम भ्रष्टाचार , को आधार बनाया गया है |

इस बार रिपोर्ट को :- TARGET TIMES APRIL-2021CURRENT AFFAIRS
- तैयार करने में खुशहाली पर कोविड-19 (COVID-19 ) के प्रभाव का अध्ययन किया गया है | रिपोर्ट में खुशहाली कायम रखने में कोविड-19 से निपटने में भरोसे की भी भूमिका स्वीकार की गई है |
- हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार जिस देश में कोविड-19 पर रोक(लॉकडाउन) Lockdown लगाया गया वहां पर खुशहाली में कमी आई HAI |
- इस सूची में ज्यादातर अफ्रीकी देश कम खुशहाल वाले देश हैं |
- अफ्रीकी देशों में जिंबाब्वे सबसे पिछड़ा देश (148 th rank ) का कारण वहां लंबे समय तक तानाशाही शासन राजनैतिक अस्थिरता को माना गया है |
- इस बार की सूची में सबसे पिछला देश अफगानिस्तान (149 th rank) |
- भारत के पड़ोसी देशों में बांग्लादेश(101), पाकिस्तान( 105 th rank) , श्रीलंका की( 129 th rank), अमेरिका( 19 th rank) में स्थान प्राप्त हुई है |
- इस सूची में भारत के प्रदर्शन में थोड़ा सुधार अवश्य है किंतु संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है |
- 2018 में भारत की रैंक वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में (133 th rank) हुई थी | जो कि 2019 में पिछड़ कर (140 th rank ) हो गई | तथा 2020 में या 144(th rank) 144 वी रैंक पर जा पहुंची | इस बार भारत की रिपोर्ट में भारत ने 5 अंकों में सुधार करते हुए 139 वी रैंक प्राप्त की है |
- वर्तमान सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले व्यापक सुधारों( नोटबंदी काले धन पर) जीएसटी(GST) एवं निवेश को बढ़ावा के बावजूद भारत के खुशहाली सूचकांक के अनुरूप सुधार नहीं हो पा रहा है |
- देश को कल्याणकारी राज्य बनाने तथा सरकार के (NEW INDIA न्यू इंडिया के घोषित लक्ष्य 2022 ) तक को प्राप्त करने के साथ आर्थिक विषमता एवं भुखमरी को दूर करने हेतु अभी और प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता है |
- CURRENT AFFAIRS
मुख्य मुद्दा:-TARGET TIMES APRIL-2021CURRENT AFFAIRS
- Data वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट ’के आंकड़े 2018 और 2019 के दौरान एकत्र किए गए थे, इसलिए यह रिपोर्ट कोरोनोवायरस बीमारी (COVID-19) के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं थी।
- एसडीएसएन(SDSN) ने ग्लोबल हैप्पीनेस रिपोर्ट -2020 में 153 देशों को शामिल किया है।

AUGSUST TARGET TIMES CURRENT AFFAIRS – 2021
नई शक्ति का प्रतीक “QUAD” Quadrilateral Security Dialogue :-
- QUAD अर्थात 4 देशों (अमेरिका ,ऑस्ट्रेलिया ,जापान, भारत का उभरता नया समूह है |
- जिसकी तुलना NATO समूह से की जा रही है |
- QUAD का अर्थ है (Quadrilateral Security Dialogue ) क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग |
- QUAD देशों की पहली ऐतिहासिक वर्चुअल(VIRTUAL ) बैठक (12 मार्च 2021) हिंदू प्रशांत क्षेत्र में परस्पर सहयोग के साथ जलवायु परिवर्तन ,योग, नई टेक्नोलॉजी पर समावेशी सहयोग की वार्ता के साथ संपन्न हुई |
- विश्व में तेजी से बदलते राजनीतिक सामाजिक समीकरणों तथा चीन के साम्राज्यवादी चरित्र से इस समूह को सक्रिय बनाने हेतु परिस्थितियां पैदा किया |
- कोरोना काल में अमेरिका से तालिबान, व्यापार, विश्व स्वास्थ संगठन , जैसे मुद्दों पर मतभेद तथा ऑस्ट्रेलिया PER व्यापारिक AND | भारत से सामरिक एवं सीमा टकराव ने, तथा जापान से पूर्वक सामुद्रिक विवाद इस समूह की चीन विरोधी गुट के रूप में स्थापित किया |
- इस संगठन के महत्व को इसी से समझा जा सकता है कि – अमेरिकी राष्ट्रपति “जोबिडेन” ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली बहुपक्षीय वार्ता के लिए QUAD को चुना |
- इस बैठक में जारी वक्तव्य में चीन विरोधी टिप्पणियों से सीधे बच्चे बचते हुए – जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 Vaccine , तकनीक , पर विचार विमर्श किया गया |
- QUAD में संगठित होकर इन 4 देशों की एकजुटता से चीन के तेवर बदलने की संभावना है|शक्तियों से टकराव के स्थान पर चीन अपने व्यापारिक हितों पर अवश्य ध्यान देगा |
- इस संगठन में भारत को शामिल करने से चीन पर जहां अंकुश लगाने में मदद मिलेगी वहीं कोविड-19 Vaccine आपूर्ति श्रंखला में भारत को बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा |
- अभी हाल ही में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव के प्रश्न पर भारत के कड़े रुख को देखते हुए विश्व शक्तियों को भरोसा शक्तियों का भरोसा भारत पर बड़ा है |
- इससे आने वाले समय में इस वैश्विक समूह में भारत की केंद्रीय भूमिका हो सकती है
- इस संगठन की प्रासंगिकता इसी बात से समझी जा सकती है कि आसियान देशों के अलावा यूरोप के कई देश भी ब्रिटेन फ्रांस इस संगठन में शामिल हुए |
पृष्ठभूमि:–
- स्वतंत्रता के बाद से, भारत वैश्विक प्रणाली में बड़े बदलावों का प्रस्तावक रहा है |लेकिन लंबे समय से भारत की अपेक्षाओं और वैश्विक राजनीति पर इसके प्रभाव में एक बड़ा अंतर आया है।
- भारत अंतरराष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में आदर्शवादी नीति का समर्थक था, लेकिन शीत युद्ध ने जल्द ही इसे खत्म कर दिया।
- एक ‘नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली‘ के विचार को भारत ने 1970 के दशक में सीमित परिणामों के साथ गुटनिरपेक्ष आंदोलन-एनएएम के नेता के रूप में अपनाया था।
- शीत युद्ध के बाद, सोवियत संघ के विघटन, एक ध्रुवीय प्रणाली, वैश्वीकरण के पक्ष में वाशिंगटन सहमति के बाद, भारत के रवैये में एक बार फिर बदलाव आया।
- उसी समय, भारत की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई, जिसके बाद भारत ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पीछे छोड़ दिया और आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने आंतरिक मुद्दों में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए अधिक प्राथमिकता दी।
- यद्यपि उस समय विकास की गति बढ़ाने के लिए पश्चिमी देशों के साथ सहयोग बढ़ाना आवश्यक था,
- लेकिन परमाणु कार्यक्रम के डर और कश्मीर मुद्दे के अमेरिकी विरोध के कारण, भारत ने अमेरिका को नियंत्रित करने और एक बहु-ध्रुवीय वैश्विक प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य रखा।
- और चीन का समर्थन किया, जिसके बाद ब्रिक्स समूह का गठन किया गया।
- जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल के दौरान, कश्मीर और परमाणु मुद्दों पर अमेरिका के रवैये में बदलाव आया था| ये दोनों मुद्दे भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव का प्रमुख कारण बने।
- भारत को यह भी पता चला है – कि ब्रिक्स समूह के लिए चीन को नियंत्रित करना असंभव है।
- ऐसी स्थिति में, जैसा कि भारत बहु-ध्रुवीय एशिया की स्थापना पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है |
- एशिया में एक स्थिर शक्ति संतुलन स्थापित करने में क्वाड की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
क्वाड और मालाबार का संक्षिप्त परिचय:- Brief introduction of Quad and Malabar: –
- क्वाड ग्रुप की शुरुआत दिसंबर 2004 में हिंद महासागर में सुनामी के बाद राहत कार्यों के लिए गठित सुनामी कोर ग्रुप में देखी गई, जिसमें समूह के चार देशों ने मिलकर राहत कार्यों में योगदान दिया।
- क्वाड(QUAD) की अवधारणा को पहली बार औपचारिक रूप से 2007 में पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे द्वारा पेश किया गया था, हालांकि चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने का पीछा नहीं किया जा सका।
- 2012 में, शिंजो आबे ने हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका) को शामिल करते हुए एक ‘डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड‘ की स्थापना के विचार का प्रस्ताव रखा।
- नवंबर 2017 में, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को किसी भी बाहरी शक्ति (विशेष रूप से चीन) के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति तैयार करने के लिए क्वाड(QUAD) ग्रुप की स्थापना की गई थी और इसकी पहली बैठक आसियान शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले हुई थी।
- मालाबार(Malabar): मालाबार(Malabar) नौसेना अभ्यास एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास है जो भारत-अमेरिका-जापान नौसेनाओं के बीच प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
- मालाबार(Malabar) नौसेना अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास के रूप में वर्ष 1992 में शुरू हुआ।
- यह एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास बन गया क्योंकि जापान 2015 में इस अभ्यास में शामिल हुआ था।
- ऑस्ट्रेलिया के इस सैन्य अभ्यास में शामिल होने के बाद, यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए क्वाड ग्रुप की क्षमता में वृद्धि करेगा।

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