वैश्विक दबाव के चलते चीनी मीडिया छुपा रहा कोविड से मरने वाले लोगों के आंकड़े, सरकार के दावे और हकीकत में अंतर

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच वैश्विक दबाव के चलते चीनी मीडिया ने अब संक्रमण की गंभीरता को कम बताना शुरू कर दिया है। चीन द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे संक्रमण संबंधी आंकड़े संदेह के घेरे में आ गए हैं। यहां कोरोना संक्रमण के फैलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है। अंतिम संस्कार के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। इसके उलट, चीन ने सोमवार को कोरोना से मरने वाली की संख्या केवल तीन बताई। कम्युनिस्ट पार्टी के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने मंगलवार को चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि अधिकांश लोगों में होने वाला संक्रमण पहले की अपेक्षा काफी हल्का है।

बीजिंग स्थित चाओयांग अस्पताल के उपाध्यक्ष टोंग झाओहुई ने समाचार पत्र को बताया कि वर्तमान में बीजिंग के बड़े अस्पतालों में भर्ती केवल तीन से चार प्रतिशत मरीजों की हालत ही गंभीर पाई जा रही है। पश्चिमी चीन के सिचुआन स्थित तियानफू अस्पताल के प्रमुख कांग यान ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह में केवल 46 मरीजों को आइसीईयू में भर्ती कराया गया। वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संघाई के झोंगशान अस्पताल के आपातकालीन सभी वार्ड मंगलवार को मरीजों से भरे हुए थे। इसमें ज्यादातर बुजुर्ग थे। स्थिति यह थी कि अस्पताल के गलियारों में भी बेड लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा था। जबकि, बड़ी संख्या में मरीज कतार में खड़े थे।

डब्ल्यूएचओ ने मांगी वास्तविक जानकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने फिर से चीन से कोविड-19 की स्थिति पर विशिष्ट और वास्तविक जानकारी नियमित रूप से साझा करने का आग्रह किया है। इससे संक्रमण के नए मामलों के आंकलन में मदद मिलेगी। डब्ल्यूएचओ ने चीनी अधिकारियों से अधिक जेनेटिक सिक्वेंसिमग डेटा, अस्पताल में भर्ती, मृत्यु और टीकाकरण पर डेटा साझा करने के लिए कहा है।

प्रतिबंधों के खिलाफ चीन ने दी प्रतिक्रिया की धमकी

चीन ने बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच अपने यहां से जाने वाले यात्रियों के लिए कुछ देशों द्वारा लागू की गई परीक्षण की अनिवार्यता पर नाराजगी व्यक्त की है। उसने कहा है कि उन देशों के खिलाफ वह भी ऐसी ही प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि हम यह मानते हैं कि कुछ देशों द्वारा अपनाए गए प्रवेश प्रतिबंधों में वैज्ञानिक आधार नहीं है। हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कोविड उपायों में हेरफेर करने के प्रयासों का विरोध करते हैं। हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे। कई देशों ने अब चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है। इसी के चलते वह काफी परेशान हो गया है।

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