10 May entire Joshimath land subsided 5.4 cm in 12 days.

10 सकता है पूरा जोशीमठ 12 दिन में ही 5.4 सेंटीमीटर जमीन धस गई |

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू दाताओं को लेकर निरंतर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है कुछ दिन पहले वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने सेटेलाइट अध्ययन में बताया था कि यह जमीन खिसकने धंसने की सालाना दर करीब 85 किलोमीटर है इसके बाद इसरो के देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान ने दूध आशाओं की सालाना दर 65 से 87 मिलीमीटर बताई थी

अब इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने सेटेलाइट चित्र जारी कर जोशीमठ क्षेत्र में 12 दिन में ही 5.4 सेंटीमीटर जमीन की भाषाओं की चौंकाने वाली जानकारी दी है पीटीआई के मुताबिक नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने दो अंतराल के सेटेलाइट चित्र जारी किए हैं इसमें अप्रैल से नवंबर 2022 के मध्य किए गए सेटेलाइट अध्ययन में कहा गया है

इसमें अप्रैल से नवंबर 2022 के मत किए गए सेटेलाइट अध्ययन में कहा गया है कि 7 माह में झूठी जोशीमठ की जमीन में 8.9 सेंटीमीटर का भाव पाया गया है इसके बाद 27 दिसंबर 2022 से 8 जनवरी 2030 के बीच 12 दिन के सेटेलाइट चित्र जारी किए गए हैं इस अंतराल में भूतों की पहले से कहीं अधिक सेंटीमीटर पाई गई है हालांकि यादव जोशीमठ शहर के मध्य क्षेत्र तक सीमित पाया गया इसके साथ ही क्षेत्र जोशीमठ औली रोड पर 80 मीटर की ऊंचाई पर दर्शाया गया है

गांव के चित्रों में आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर की भूतों को प्रमुखता से दर्शाया गया है यदि जोशीमठ में 1 साल की दर 12 दिन के अंतराल में 54 मिलीमीटर हो रही तो आने वाले 20 साल में क्षेत्र का नक्शा ही बदल सकता है क्योंकि यदि इसी दर से इसी दर को आधार मानें तो मां भर में 135 साल भर में यह आंकड़ा 16 से 20 मिलीमीटर होगा और 20 साल में 32400 मिली मीटर यानी 32400 सेंटीमीटर होगा

10 May entire Joshimath land subsidence 5.4 cm in 12 days.
10 May entire Joshimath land subsidence 5.4 cm in 12 days.

इसरो की तरफ से जारी क्षेत्रों में दिखी ताजा स्थिति |

यह बहुत चौंकाने वाली बात है कि कुछ राज्यों में कार्यरत एजेंसियों को इसरो के चित्रों की जानकारी नहीं है जबकि उनकी जिम्मेदारी बनती है

कि अगर देश में इस प्रकार की स्थिति चल रही है तो उनको यह जानकारी रखना चाहिए कि उनके राज्य में इस चीज को लेकर क्या स्थिति है इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की तरफ से जारी भूत हंसाओ के ताजा सैटेलाइट चित्रों की जानकारी ही नहीं है|

देहरादून में स्थित इस श्लोक के ही भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान ने भी ऐसे चित्र जारी किए जाने पर अनभिज्ञता जताई वहीं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने भी कहा है कि उनके साथ जोशीमठ के सेटेलाइट चित्र साजन नहीं किए गए साथ ही इस तरह की जिम्मेदारी जानकारी रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद वस्तु की वेबसाइट पर भी नहीं पाए गए हैं |

यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यों को इसके बारे में कोई भी जानकारी अभी तक नहीं हुई है या राज्यों ने इस प्रकार की जानकारी को प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया है जबकि देश में अगर ऐसी स्थिति है तो राज्यों को भी अलर्ट जारी कर देनी चाहिए जो भी राज्य इस स्थिति में बसे हुए हैं या ऐसी उनके साथ हो सकती है |

Translation of this whole news in English language :—

In Joshimath, Uttarakhand, shocking information is continuously coming out about the land donors. A few days ago, the Wadia Institute of Himalayan Geology had told in a satellite study that the annual rate of subsidence of this land is about 85 km.

The institute had told the annual rate of milk hopes to be 65 to 87 millimeters. Now ISRO’s Hyderabad-based National Remote Sensing Center has released satellite images and given shocking information of 5.4 cm of land languages in Joshimath area in 12 days.

According to PTI National Remote The Sensing Center has released satellite images of two intervals, in which it has been said in the satellite study done between April to November 2022 that in this satellite study done from April to November 2022, it has been said that the land of Joshimath is false in 7 months. A value of 8.9 cm has been found, after this 12-day satellite images have been released between 27 December 2022 and 8 January 2030. In this interval, more centimeters of ghosts have been found than ever before.

Also the area is shown at a height of 80 meters on Joshimath Auli road Village pictures prominently depicts ghosts of army helipad and Narsingh temple If Joshimath rate of 1 year is 54 mm in 12 day interval If this is happening then the map of the area can change in the coming 20 years because if this rate is taken as the base, then in 135 years this figure will be 16 to 20 mm and in 20 years it will be 32400 mm i.e. 32400 cm.

Will happen

10 May entire Joshimath land subsidence 5.4 cm in 12 days.