HIT-AND-RUN

संहिता की संशोधित धारा 106(1) कहती है: “जो कोई भी लापरवाही से या गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आने वाले किसी भी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, उसे किसी भी अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।” और जुर्माना भी देना होगा; और यदि ऐसा कार्य चिकित्सा प्रक्रिया करते समय किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा किया जाता है, तो उसे दो साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

HIT-AND-RUN : हिट एंड रन कानून भारत में एक गंभीर जुर्माने और कारगुजारी के मामले को संरचित करने का प्रावधान करता है। यह एक ऐसा कृत्य है जिसमें कोई व्यक्ति या वाहन दूसरे व्यक्ति या वाहन को टक्कर मारता है और फिर दुर्घटना स्थल से बगावत कर जाता है, बिना किसी सहायता के या दुर्घटना की सूचना देने के।भारत में हिट एंड रन कानून के तहत, ऐसे मामलों में दोषी को कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। सामान्यत: इसके अंतर्गत, आपराधिक प्रक्रिया अनुसार दंड और जुर्माने तय की जाती हैं, जो दोषी के कृत्य की तीव्रता और आपराधिक इतिहास पर निर्भर कर सकती हैं।इसके अलावा, हिट एंड रन मामलों में जल्दी से प्रदान की जाने वाली मेडिकल सहायता और दुर्घटना को प्राधिकृत अंगिकृत करने की जरूरत होती है ताकि घायलों को शीघ्र सहायता मिल सके।

हिट एंड रन(Hit And Run Law) के मामलों में गवाहों के साक्षात्कार और साक्षात्कार से प्राप्त निदान, जैसे कि गाड़ी की पहचान, सबूत और अन्य संबंधित तथ्यों का महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है Hit And Run Law कि दुर्घटना स्थल पर पुलिस को तुरंत सूचित किया जाए ताकि कदमबद्ध प्रक्रिया शुरू की जा सके और दोषी को न्यायिक प्रक्रिया में शामिल किया जा सके।हिट एंड रन कानून की स्थिति नागरिकों को सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्णता को समझाने में मदद करती है और उन्हें दुर्घटना के प्रकारों से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता को बताती है। Hit And Run Law यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि जो भी व्यक्ति या वाहन दुर्घटना का कारण बनता है, उसे उचित दंड मिलता है और वह सामाजिक न्याय में शामिल किया जाता है।

इसके अलावा, हिट एंड रन HIT-AND-RUN के मामलों में जनता को भी जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए। Hit And Run Law दुर्घटना का सामना करने वाले साक्षर नागरिकों को तुरंत प्राधिकृत प्राधिकृत संघ को सूचित करना चाहिए ताकि चोरी गई जान या समर्थन के रूप में उपयोग किए जा सकें। इससे न केवल दोषी को पकड़ा जा सकता है, बल्कि घायलों को त्वरित मदद प्राप्त हो सकती है और उनकी ज़िंदगी बच सकती है।

हिट एंड रन (Hit And Run Law)कानून की पालना से यह सुनिश्चित होता है कि सड़क पर सुरक्षित चलने वाले लोगों को विशेष सुरक्षा मिलती है और दुर्घटना Hit And Run Law के मामले में तत्परता से कार्रवाई होती है। यह सामाजिक सचाई, ज़िम्मेदारी और सहीगलत की भावना को बढ़ावा देता है और सामाजिक न्याय में सुरक्षित, सदगुण और सशक्त भारत की दिशा में कदम बढ़ाने में सहायक होता है।

“हमने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की… सरकार कहना चाहती है कि नया नियम अभी लागू नहीं किया गया है। हम सभी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता 106/2 को लागू करने से पहले हम चर्चा करेंगे।” केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आज शाम कहा, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ और उसके बाद ही हम कोई निर्णय लेंगे।

विरोध प्रदर्शन

  • जम्मू-कश्मीर, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में फैल गया था।
  • नए कानून के तहत, हिट-एंड-रन मामलों में 10 साल तक की जेल और ₹ 7 लाख का जुर्माना हो सकता है|
  • वर्तमान में दो साल तक की जेल की सजा और हल्का जुर्माना है। अधिकतम 10 साल की सज़ा तब होगी जब अपराधी ने लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी की जान ले ली हो और पुलिस को मामले की सूचना दिए बिना भाग गया हो।

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