Kamdhenu Yojna कामधेनु योजना उत्तर प्रदेश में उच्च उपज देने वाले जर्म प्लाज़्म जानवरों की कम उपलब्धता को पार करने के लिए वर्ष 2013 में शुरू की गई एक डेयरी योजना है। इसके कामधेनु, मिनी कामधेनु और माइक्रो कामधेनु संस्करण उत्तर प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा शुरू किए गए थे। राज्य सरकार ने कामधेनु डेयरी योजना शुरू की है, जिसमें उत्तर प्रदेश के बाहर से लाए गए 100 अधिक दूध देने वाले पशु इकाइयों की स्थापना की परिकल्पना की गई है। उद्यमियों को ब्याज मुक्त ऋण और सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से 100, 50 और 25 मवेशियों के 1000 से अधिक डेयरी फार्म स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में स्थापित। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की राष्ट्रीय डेयरी योजना (एनडीपी) उत्तर प्रदेश की इकाई के अंतर्गत आती है।
कामधेनु योजना (Kamdhenu Yojna)
- एक भारतीय सरकार की पहल है जो ग्रामीण क्षेत्र में गायों की ऊर्जा और उनकी देखभाल को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गायों की ऊर्जा से संबंधित आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है ताकि किसानों को और उनके परिवार को बेहतर जीवन का मौका मिल सके।
- इस योजना के अंतर्गत, गायों की ऊर्जा से संबंधित सभी क्षेत्रों में प्रोत्साहित किया जा रहा है, जैसे कि गाय के दूध से जुड़े उत्पादों की विकास, गोबर गैस यांत्राओं की स्थापना, गायों की आचारशास्त्रीय जानकारी का प्रशिक्षण, और ग्रामीण क्षेत्रों में गो-शालाओं की स्थापना।
- इसके अलावा, कामधेनु योजना (Kamdhenu Yojna) के तहत किसानों को गो-धन और गो-आधारित उत्पादों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है ताकि उन्हें और बेहतर उत्पाद बनाने के लिए अधिक साधन मिल सके।
- यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गायों के पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक प्रयास है।
- कामधेनु योजना (Kamdhenu Yojna) ने ग्रामीण क्षेत्रों में गायों के पालन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख कदम उठाए हैं। इसके तहत, गायों की सुरक्षा, पोषण, और स्वस्थता की देखभाल के लिए विभिन्न योजनाएं शामिल हैं। गायों के लिए उचित आहार और स्वच्छ पानी की पुनर्निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए गाय शालाएं स्थापित की जा रही हैं।
- इसके माध्यम से किसानों को गायों के पालन में सर्वोत्तम देखभाल के लिए जागरूक किया जा रहा है।
- कामधेनु योजना (Kamdhenu Yojna) के अंतर्गत, गायों से मिलने वाले उत्पादों की प्रस्तुति और बाजार में पहुंचान को बढ़ावा देने के लिए कई विकसित कदम भी उठाए जा रहे हैं। इससे किसानों को अधिक मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह योजना किसानों को गायों के साथ संपर्क करने और उनसे जुड़ने का एक भी मंच प्रदान करके उनका साथी बनाने का भी प्रयास कर रही है।
मिनी कामधेनु डेयरी योजना Kamdhenu Yojna
कुल मिलाकर, कामधेनु योजना एक समृद्ध और सुस्त ग्रामीण समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गायों को एक और महत्वपूर्ण अंग बनाने का प्रयास कर रही है। यह समृद्धि और समरसता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हो सकती है जो ग्रामीण जीवन को सुधारने की दिशा में मदद कर सकती है।कामधेनु योजना के माध्यम से, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गायों के साथ जुड़े स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया है। यह योजना गायों से मिलने वाले उत्पादों की प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने, उन्हें अधिक बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने का माध्यम प्रदान करती है। इससे स्थानीय किसानों और उद्यमियों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने का एक मौका मिलता है।यह योजना गायों की रखरखाव, पोषण, और उत्तम जीवन जीने के लिए जरूरी सुविधाएं प्रदान करके सामाजिक समरसता बढ़ाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में गायों को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में गो-सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां गायों के लिए चिकित्सा, आहार, और सुरक्षा की देखभाल होगी। Kamdhenu Yojna कामधेनु योजना ग्रामीण समृद्धि की दिशा में एक सकारात्मक कदम है जो गायों के महत्वपूर्ण योगदान को पहचानता है और ग्रामीण समाज को एक मजबूत आधार पर खड़ा करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि गायों के पालन से नहीं केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि यह सामाजिक समृद्धि और जल, वन्यजन्य संसाधनों के सुरक्षित प्रबंधन की दिशा में भी कदम बढ़ाता है।
पशुपालन विभाग उ0प्र0 में योजना के लिये एक नोडल अधिकारी नामित है :- Kamdhenu Yojna
- जिनका फोन नं0 0522-2742879 एवं
- ईमेल kamdhenuyojana2015@gmail.com है।
प्रदेश में पशु चिकित्सा एवं पशु कल्याण
- पशुधन विपणन।
- सूकर प्रजनन।
- पशु प्रजनन एवं पशुधन प्रक्षेत्र।
- पशु गणना।
- कुक्कुट प्रक्षेत्र एवं कुक्कुट विकास।
- पशु प्रदर्शन एवं प्रदर्शनी।
- भेड़ एवं बकरी प्रजनन।
- सेना द्वारा पशुधन सम्बन्धी स्थानीय क्रय।
- घी एवं दुग्ध योजना।
- मत्स्य एवं दूध उत्पादन।